हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत मुहम्मदे मुस्तफ़ा स.ल.व.व. ने यह दुआ बयान फ़रमाई हैं।
اَللّٰهُمَّ طَهِرْنِی فِیهِ مِنَ الدَّنَسِ وَالْاَقْذارِ وَصَبِّرْنِی فِیهِ عَلَی کائِناتِ الْاَقْدارِ، وَوَفِّقْنِی فِیهِ لِلتُّقی وَصُحْبَةِ الْاَ بْرارِ، بِعَوْ نِكَ یَا قُرَّةَ عَیْنِ الْمَساکِینِ ۔
ख़ुदाया ! आज के दिन मुझको (ग़लाज़त)गंदगी और बुराइयों से पाक और साफ रख,और आज के दिन मुझे मुकद्दर शुदह मुश्किलात पर सब्र अता फरमा और आज मुझको परहेज़गारी और अच्छे लोगों के साथ रहने की तौफीक अता फरमाए ए मशकिनों की आंखों की ठंडक,